संत ईश्वर फाउंडेशन जैसी संस्था का प्रयास निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाएगा- रिजिजू
– कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मिला सम्मान
नई दिल्ïली। गाँधी जयंती के अवसर पर कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहे 17 साधको को संत ईश्वर फाउंडेशन की ओर से संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज, संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की विशेष उपस्थिति रही। संत ईश्वर सम्मान समिति वर्ष 2015 से संत ईश्वर सम्मान द्वारा प्रति वर्ष ऐसे संगठनों एवं व्यक्तियों को सम्मानित कर रही है, जो समाज की नजरों से दूर निस्वार्थ भाव से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि ये आज के समय की बिडम्बना है कि सकारात्मक कार्य करने वाले लोगों की पहचान तुलनात्मक रूप से सोशल मीडिया में उन लोगो के फॉलोवर ज्यादा हैं जो समाज में विपरीत रूप से प्रभावित करते है, मीडिया द्वारा भी इस दिशा में विचार करने की आवश्कता है। ऐसे में संत ईश्वर फाउंडेशन जैसी संस्था का प्रयास निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाएगा ऐसी मेरी अपेक्षा और शुभकामनाएं है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा संत ईश्वर जैसे कार्यक्रम में सम्मलित होना मेरे लिए निश्चित ही सौभाग्य की बात है परमात्मा के द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण कर्म समाज सेवा है परन्तु भारत की सनातन धर्म जैसा दुनिया में और कोई भी राष्ट नहीं है जहाँ सेवा ही धर्म है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि सेवा साधकों का सम्मान के इस अभियान के प्रारंभ से मेरा जुड़ाव रहा है, संत ईश्वर के प्रयासों को राम की सबरी, कृष्ण के सुदामा के साथ जोड़ते हुए भारतीय धर्म की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए भारत की संस्कृति के सेवा भाव को जीवंत रखने का अनूठा और सफल प्रयोग किया है।
विशेष सम्मान से सम्मानित कवि कुमार बिश्वास ने कहा कि मेरे लिए सम्मान्नित होना गर्व की बात है, साथ ही धर्म को मानवता से जोड़ते हुए उन्होंने राजधर्म के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा जिस देश में धर्म राजधर्म से ऊपर होता है वो देश सर्वश्रेष्ट होता है।
सम्मान समारोह में उपस्थित सभी आगन्तुओं का आभार प्रकट करते हुए संस्था के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा कि यह सम्मान व्यक्तिगत एवं संस्थागत रूप में मुख्यत: चार क्षेत्रों- जनजातीय, ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास एवं विशेष योगदान (कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा) में तीन श्रेणियों में एक विशेष सेवा सम्मान, 4 विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान में दिया जाता है।